कहा जाता है कि इंसान का दिमाग मौत के कुछ ही दिनों बाद नष्ट हो जाता है. इसीलिए किसी के दिमाग के अवशेष पाना लगभग नामुमकिन होता है. मगर साइंटिस्ट्स को एक ऐसे दिमाग का अवशेष मिला है 32 करोड़ साल पुराना है. इसे दुनिया का सबसे पुराना ब्रेन ( World’s oldest preserved brain is found)बताया जा रहा है . अब साइंटिस्ट इसके हर पहलू की जांच करने में लगे हुए हैं.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रिजर्व ब्रेन एक मछली का है. लंकाशायर कोयला खदान में खुदाई के दौरान सदियों पहले यह मिला था. पर 1925 में साइंटिस्ट ने इसके बारे में बात की. तब से कोकोसेफालस वाइल्ड नाम की मछली की यह खोपड़ी मैनचेस्टर संग्रहालय के अभिलेखागार में धूल खा रही थी. तब तक किसी को पता नहीं था कि यह कितनी कीमती चीज है. इसका सीटी स्कैन या एक्सरे कुछ नहीं कराया गया. पर कुछ दिनों पहले साइंटिस्ट्स की एक टीम को लगा कि इसमें कुछ नया निकल सकता है.
छह इंच थी लंबाई
बर्मिंघम और मिशिगन यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम ने धूल झाड़कर इसे बाहर निकला. पहले तो यह देखने में सामान्य खोपड़ी की तरह लगी पर जब एक्सरे के लिए भेजा गया तब चौंकाने वाले रहस्य से पर्दा हटा. खोपड़ी के अंदर एक इंच तक क्रैनियल नर्व दिख रही थी. यह ब्रेन का अहम पार्ट होती है. साइंटिस्ट्स इसे देखकर हैरान रह गए. वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि मछली छह से आठ इंच (15 से 20 सेमी) की रही होगी. जबड़े और दांतों के आकार को देखते हुए रिसर्च टीम का अनुमान है कि यह संभवतः मांसाहारी थी.
जल्द सड़ जाते हैं ब्रेन टिश्शू
जीवाश्म विज्ञानी डॉ सैम जाइल्स ने कहा, यह मछली मोटे तौर पर एक बीम के आकार की थी. इसमें किरण पंख थे जो उसे तैरने में मदद करते थे . यह छोटे क्रस्टेशियन, जलीय कीड़े और सेफलोपोड्स को खाकर जिंदा रहती थी. इन्हीं समूह के स्क्वीड, ऑक्टोपस और कटलफिश भी हैं. नेचर जर्नल में पब्लिश इस रिसर्च से यह भी पता चला रीढ़ की हड्डी वाले जानवरों में जीवाश्मों के नरम हिस्से कैसे संरक्षित होते हैं . बर्मिंघम यूनिवसर्सिटी के डॉ सैम जाइल्स ने कहा कि मस्तिष्क जैसे साफ्ट टिश्शू सामान्य रूप से जल्दी सड़ जाते हैं और बहुत कम ही जीवाश्म बनते हैं, लेकिन जब यह मछली मर गई, तो यह शायद जल्दी से तलछट में दब गई थी जिसमें थोड़ी ऑक्सीजन मौजूद थी. ऐसे वातावरण में शरीर के साफ्ट टिश्शू आमतौर पर जीवित रह सकते हैं.
पैडलफिश के दिमाग के समान
जाइल्स ने कहा, यह थ्री डायमेंशनल शेप हमें मष्तिष्क के बारे में काफी कुछ जानकारी दे सकता है. जीवित मछलियों की इसकी तुलना से पता चला है कि कोकोसेफालस का मस्तिष्क स्टर्जन और पैडलफिश के दिमाग के समान है, जिन्हें अक्सर ‘आदिम’ मछली कहा जाता है क्योंकि वे 300 मिलियन वर्ष पहले अन्य सभी जीवित रे-फिनेड मछलियों से अलग हो गए थे.
इंसानों का सबसे पुराना दिमाग
आपको बता दें कि इंसानों का सबसे पुराना दिमाग इंग्लैंड के हेश्लिंगटन शहर में खुदाई करते समय मिला था. उसे 2600 साल पुराना बताया गया था. हैरानी वाली बात यह थी कि इतने वर्षों बाद भी उस इंसान का दिमाग वैसा का वैसा था. शरीर के कुछ अम्लीय पदार्थों में गड़बड़ी होने के कारण दिमाग नष्ट नहीं हो पाया था. कई बार किसी बीमारी की वजह से दिमाग के आसपास का आवरण बदल जाता है. ऐसी स्थिति में दिमाग के सड़ने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है.
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FIRST PUBLISHED : February 03, 2023, 10:30 IST
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