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भारत ने मोहम्मद यूनुस के सलाहकार महफूज आलम द्वारा की गई विवादित टिप्पणी पर कड़ा रुख अपनाया

ढाका
भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के सलाहकार महफूज आलम द्वारा की गई विवादित टिप्पणी पर कड़ा रुख अपनाया है। महफूज आलम ने एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया था कि भारत को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हुए आंदोलन को स्वीकार करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेश का एक गलत नक्शा भी पोस्ट किया, जिसमें भारत के बंगाल, त्रिपुरा और असम के कुछ हिस्सों को बांग्लादेश का हिस्सा बताया गया। इस पोस्ट में भारत पर आरोप लगाया गया था कि वह बांग्लादेश को अपनी मुट्ठी में रखने की नीतियां अपनाता है और बांग्लादेश को सच्ची स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपने क्षेत्र का विस्तार करना चाहिए। हालांकि, विवाद बढ़ने पर महफूज आलम ने कुछ घंटों बाद इस पोस्ट को हटा लिया।

यह टिप्पणी खास महत्व रखती है क्योंकि महफूज आलम का यह पोस्ट 16 दिसंबर 2024 को प्रकाशित हुआ था। 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान, जो अब बांग्लादेश है, स्वतंत्र हुआ था। यह दिन हर साल बांग्लादेश और भारत में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। महफूज आलम के पोस्ट के वायरल होने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने तुरंत अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। 20 दिसंबर को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने इस मामले पर बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। हमें जानकारी मिली है कि पोस्ट को कथित तौर पर हटा लिया गया है।" उन्होंने आगे कहा, "भारत हमेशा बांग्लादेश की जनता और अंतरिम सरकार के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की इच्छा रखता है, लेकिन इस तरह की टिप्पणियां सार्वजनिक संवाद में जिम्मेदारी की आवश्यकता को उजागर करती हैं।"

हाल ही में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी गई है। बीते अगस्त में बांग्लादेश में छात्रों ने सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन किया, जो बाद में हिंसक प्रदर्शन में बदल गया। इन प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और वह भारत में शरण लेने पहुंचीं। इस घटनाक्रम के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले बढ़े, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव भी बढ़ा। भारत के विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि 2024 में बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की 2200 घटनाएं दर्ज की गई हैं। मंत्रालय ने बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों से आग्रह किया कि वे अपने देशों में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। 

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