रायपुर,कई पीढ़ियों से भारतीय खान-पान का अहम हिस्सा रहे मिलेट्स कब थाली से गायब हो गए पता ही नहीं चला। मिलेट्स की पौष्टिकता और उसके फायदों को देखते हुए फिर से उसका महत्व लोगों तक पहुंचाने की कोशिश सरकारों द्वारा की जा रही है। ऐसे में अगर हम छत्तीसगढ़ राज्य की बात करें तो किसान पुत्र भूपेश बघेल ने किसानों के हित में जो निर्णय लिया वो काबिले तारीफ है। जैसा कि आप सभी जानते हैं छत्तीसगढ़ को मध्य भारत का धान यानी (चावल) का कटोरा भी कहा जाता है। प्रदेश में धान के अलावा, अनाज जैसे मक्का, कोदो-कुटकी और अन्य छोटे बाजरा, दलिया जैसे तुअर, कुल्थी, तिलहन जैसे मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी भी उगाए जाते हैं तो वहीं अब भूपेश सरकार की पहल से किसानों को नई सौगात मिली है।जहां पहले देश के किसान अपनी उपज के लिए एमएसपी की मांग करते हुए उपवास रखते थे, तो वहीं भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों को समर्थन मूल्य पर मिलेट्स खरीदकर राहत भरी सांस दी है। बता दें कि पहले किसानों को कड़ी मेहनत और पैसा लगाने के बावजूद उनकी फसलों के बहुत कम दाम मिल रहे थे, लेकिन इस साल भूपेश सरकार ने अर्थव्यवस्था की रीढ़ लाखों किसानों का दिल जीत लिया। 2022-23 में 39.60 करोड़ रुपए का 13 हज़ार 05 टन मिलेट समर्थन मूल्य पर खरीदकर किसानों के हित में मील का पत्थर साबित किया। वहीं बीते सीजन में किसानों ने समर्थन मूल्य पर 34 हज़ार 298 क्विंटल मिलेट्स 10 करोड़ 45 लाख रुपये में बेचा था। अब भूपेश सरकार के इस फैसले से किसानों भाइयों में भारी उत्साह है। अब किसानों को ज्यादा मात्रा में धान बेचने का अवसर मिलेगा, जिससे किसानों के आय में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री खुद किसान परिवार से हैं, और वे किसानों की हर जरूरतों से अच्छी तरह वाकिफ हैं।











