प्रयागराज
महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन होगा और इसको लेकर सभी लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। इस सभी अमावस्याओं में मौनी अमावस्या बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। मौनी अमावस्या को माघी और माघ अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
इस दिन मौन व्रत का पालन करने से बड़ा लाभ मिलता है। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2025 से हुई और कुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व है। तीसरा शाही स्नान मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को होगा।
महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान?
महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी के दिन होगा। इस दिन का शाही स्नान खास माना जाता है। इस दिन कई दुर्लभ संयोग बनने जा रहे हैं जो बहुत ही शुभ है।
शाही स्नान का मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 29 जनवरी सुबह 05 बजकर 20 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 20 मिनट तक
मौनी अमावस्या
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या तिथि को यह दिन होगा।
मौनी अमावस्या का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन मौन व्रत रखने से वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है और मौनी अमावस्या के दिन दान करने से बड़ा लाभ मिलता है।
कब है महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान?
महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी को है और इस दिन का शाही स्नान बहुत ही खास माना जा रहा है. क्योंकि, इस दिन कई सारे दुर्लभ संयोग बनने जा रहे हैं. दरअसल, इस दिन चंद्रमा, सूर्य और बुध मकर राशि में त्रिवेणी संयोग बनाएंगे.
शाही स्नान का मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 29 जनवरी को सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 18 मिनट तक
प्रातः सन्ध्या- 29 जनवरी को सुबह 05 बजकर 51 मिनट से 07 बजकर 11 मिनट तक
कब है मौनी अमावस्या?
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या तिथि 28 जनवरी को शाम 7 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 29 जनवरी को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा.
क्यों खास होती है मौनी अमावस्या? (Mauni Amavasya Significance)
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. इससे तर्पण करने वालों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन नदी के घाट पर जाकर पितरों का तर्पण और दान करने से कुंडली के दोषों से मुक्ति पाई जाती है. इसके अलावा, इस दिन मौन व्रत रखने से वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत का विशेष महत्व होता है. मौन व्रत का अर्थ खुद के अंतर्मन में झांकना, ध्यान करना और भगवान की भक्ति में खो जाने से है.
माघ कृष्ण अमावस्या कब से कब तक रहेगी: द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ कृष्ण अमावस्या 28 जनवरी 2025 को शाम 07 बजकर 35 मिनट पर प्रारंभ होगी और 29 जनवरी 2025 को शाम 06 बजकर 05 मिनट तक रहेगी।
महा कुंभ में शाही स्नान का महत्व: महा कुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, महा कुंभ में शाही स्नान करने से आध्यात्मिक शुद्धि, पापों का प्रायश्चित, पुण्य व मोक्ष की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि संगम में डुबकी लगाने से कई गुना ज्यादा पुण्य मिलता है।
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