सभी धर्मों की धर्मिक संपत्तियों के बंदोबस्त के लिए एक ही कानून बनाएं : विहिप

नई दिल्ली
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने आज वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर विचार के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति को सुझाव दिया है कि सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं, देश में सभी धर्मों की संपत्तियों के लिए एक ही कानून बनाया जाना चाहिए। विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार के माध्यम से भेजे गए पत्र में सुझाव दिया गया है कि विभिन्न धार्मिक समुदायों की संपत्तियों के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए अलग-अलग कानूनों के बजाय, देश में सभी धार्मिक संपत्तियों की बंदोबस्ती के लिए एक ही कानून होना चाहिए।

जेपीसी को लिखे पत्र में विहिप ने सुझाव दिया है कि ‘वक्फ को पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए किसी भी चल या अचल संपत्ति के स्थायी समर्पण के रूप में परिभाषित किया गया है। यह समर्पण अल्लाह, सर्वशक्तिमान को किया जाता है। एक बार जब कोई संपत्ति इस तरह समर्पित हो जाती है, तो वह सर्वशक्तिमान की संपत्ति बन जाती है और उसमें निहित हो जाती है।

इसी तरह हिंदू अपने मंदिरों के रख-रखाव और धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए देवताओं को चल या अचल संपत्ति समर्पित करते हैं। ईसाई, बौद्ध, जैन और सिख सहित दूसरे धर्मों के अनुयायी भी अपनी संपत्ति को अपने धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त उद्देश्यों के लिए समर्पित करते हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में यह प्रावधान है कि स्टेट पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।

उल्लेखनीय है कि वक्फ अधिनियम, 1954 को सरकार ने संसद में पेश नहीं किया था। यह मोहम्मद अहमद काजमी ने प्राइवेट मेंबर बिल के रूप में पेश किया था। लेकिन ऐसा लगता है कि तत्कालीन सत्तारूढ़ दल इस विधेयक को पेश करने में शामिल था। विधेयक को राज्य सभा की प्रवर समिति को भेज दिया गया। आश्चर्यजनक रूप से उस समय के कानून और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सी. सी. बिस्वास प्रवर समिति के अध्यक्ष बनाए गए। बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि तथ्य यह नहीं था कि सरकार ने पर्दे के पीछे से काम किया। अगर सरकार इसे प्रायोजित करना चाहती, तो खुल कर सामने आ सकती थी। उन्होंने स्वयं को प्रवर समिति का अध्यक्ष बनाए जाने का यह कह कर बचाव किया कि यह केवल संयोग था कि मुझे समिति का अध्यक्ष बनाया गया और मैंने कानून मंत्री की हैसियत से सरकार की ओर से विधेयक की पैरवी नहीं की।

 


Warning: Attempt to read property "display_name" on bool in /home/u300579020/domains/padmavatiexpress.com/public_html/wp-content/plugins/userswp/widgets/authorbox.php on line 147

Warning: Attempt to read property "ID" on bool in /home/u300579020/domains/padmavatiexpress.com/public_html/wp-content/plugins/userswp/widgets/authorbox.php on line 148

Warning: Attempt to read property "user_nicename" on bool in /home/u300579020/domains/padmavatiexpress.com/public_html/wp-content/plugins/userswp/widgets/authorbox.php on line 169

Warning: Attempt to read property "user_registered" on bool in /home/u300579020/domains/padmavatiexpress.com/public_html/wp-content/plugins/userswp/widgets/authorbox.php on line 170

Warning: Attempt to read property "user_url" on bool in /home/u300579020/domains/padmavatiexpress.com/public_html/wp-content/plugins/userswp/widgets/authorbox.php on line 171
Author:

यह भी पढ़ें